मुरादाबाद : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित समाजवादी एंबुलेंस के कर्मचारियों ने मानवता को शर्मसार कर दिया। झुलसे बेटे को अभी एक मां एंबुलेंस से उतार भी नहीं पाई थी की कर्मियों ने एंबुलेंस धोने का फरमान सुना दिया।

बेटे की तड़प का हवाला देकर वह किसी तरह जिला अस्पताल में भर्ती कराने दौड़ी। इमरजेंसी में डॉक्टरों ने अभी देखना शुरू ही किया था कि ड्राइवर ने फिर उलाहना दिया।

बेटे को तड़पता छोड़कर आंखों में आंसू लिए मां एंबुलेंस धोने चली गई। वापस इमरजेंसी में पहुंची तो डॉक्टरों ने बेटे की हालत गंभीर बताई और दिल्ली रेफर कर दिया।

एमएस डॉ. वीर सिंह ने कहा कि संचालन और मेंटेनेंस का खर्च सरकार दे रही है। तीमारदार की यह जिम्मेदारी नहीं है। यह घोर आपत्तिजनक और पीड़ाजनक है। इस एंबुलेंस का पता लगाया जाएगा। सीएमओ से बात की जाएगी और उक्त एंबुलेंस स्टाफ को हटवाया जाएगा।
शुक्रवार शाम मुरादाबाद के छजलैट के बीबीपुर गांव निवासी अली हसन का पुत्र शराफत अली (25 वर्ष) घर पर लगी आग में जल गया था। समाजवादी एंबुलेंस 108 से परिवार के तीन चार लोग लेकर शाम करीब पांच बजे जिला अस्पताल पहुंचे।

80 फीसदी से ऊपर जले शराफत को एंबुलेंस से स्ट्रेचर में लादकर इमरजेंसी चिकित्सा कक्ष के गेट तक परिजन नहीं पहुंचे थे कि चालक शराफत की मां सलमा को गाड़ी धोने के लिए बुला लाया।

पानी से न सिर्फ एंबुलेंस के अंदर बल्कि बाहर की ओर भी गाड़ी धुलवाई। कलेजे में बेटे की तड़प से विचलित मां ने जल्दी-जल्दी एंबुलेंस धोई और बाल्टी रखकर बेटे के पास इमरजेंसी की ओर दौड़ पड़ी।

स्थानीय लोगों की मानें तो यह पहला मौका नहीं है। आए दिन 108 एंबुलेंस चालक तीमारदारों से गाड़ी धुलवाते हैं। कुछ दिन पहले एक घायल को लेकर आई एंबुलेंस के चालक ने घायल के तीमारदार से स्ट्रेचर में लगा ब्लड साफ करवाने के बाद ही उसे घायल के पास जाने दिया था।