
श्रीगंगानगर । जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार देर शाम बादल फटने की त्रासदी में श्रीगंगानगर जिले के 2 लोगों की मौत हो गई है। श्रीगंगानगर के रिटायर्ड पुलिस अधिकारी सुशील खत्री और उनकी समधन सुनीता वधवा अमरनाथ त्रासदी का शिकार हो गए हैं। उनके जत्थे में शामिल कई अन्य लोग भी अब तक लापता हैं। जिला प्रशासन के द्वारा श्रीगंगानगर जिले से गए श्रद्धालुओं में से 2 लोगों की मौत की पुष्टि की है। वहीं लापता श्रंद्धालुओं की संख्या के बारे में प्रशासन भी कुछ नहीं बता पा रहा है।
दरअसल श्रीगंगानगर से 4 जुलाई की शाम को जय भोले महादेव ग्रुप में करीब डेढ़ दर्जन लोगों का जत्था अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुआ था। इसमें पुलिस अधिकारी सुशील खत्री, उनके रिश्तेदार और परिवार के लोग शामिल थे। साथ ही श्रीगंगानगर जिले के कपड़ा व्यापारी और उनके परिजन भी जत्थे में शामिल थे। हालांकि कपड़ा व्यापारी सहित उनके परिवार के लोगों की भी अभी कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है और वे लापता हैं।
जय भोले महादेव ग्रुप के जत्थे में शामिल श्रीगंगानगर के नवनीत भटेजा ने बताया कि देर शाम बादल फटने के दौरान पानी और पत्थरों के सैलाब में श्री गंगानगर के श्रद्धालुओं का टेंट भी बह गया और 10 मिनट के अंदर ही सब कुछ तहस नहस हो गया। उन्होंने बताया कि टेंट में सुशील खत्री, उनकी समधन सुनीता वधवा, सुनीता के पति मोहन लाल वधवा सहित अन्य लोग मौजूद थे। अचानक से सैलाब आने के दौरान सुशील खत्री ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अनेक लोगों की जान बचाई, लेकिन सुधीर खत्री खुद त्रासदी का शिकार हो गए। हालांकि देर शाम बादल फटने की घटना के बाद शुरू हुए रेस्क्यू ऑपरेशन और जल्द ही अंधेरा होने की वजह से रोक दिया गया। जिला प्रशासन भी अधिकारिक रूप से श्रीगंगानगर जिले से गए श्रद्धालुओं की संख्या, लापता श्रद्धालुओं की संख्या के बारे में कुछ भी कह पाने की स्थिति में नहीं है।