नई दिल्‍ली । देश के कुछ हिस्सों में मुस्लिमों के उग्र विरोध प्रदर्शन पर दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि लोकतांत्रिक देश में सभी को अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन करने का हक है, लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन से इजाजत के बाद। कुछ शहरों में पथराव हुआ। विरोध प्रदर्शन करने से पहले लोगों को इस पर गौर कर लेना चाहिए। हमें पत्थरबाजी और इन चीजों से परहेज करना चाहिए। 
शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने दिल्ली में जामा मस्जिद के पास हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर कहा एक समाचार चैनल से कहा कि ''जो भी वाकया हुआ, यह अचानक हुआ, किसी को भी नहीं मालूम था। जामा मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए आए लोगों की तादाद बहुत कम थी। लोगों ने बताया कि अधिकतम 50 लोग होंगे। वे जामा मस्जिद में नमाज पढ़ने के बाद बाहर निकले और उन्होंने अपने जेब से कुछ पेपर निकाले। वे उन पेपरों को हाथ में लेकर नारे लगाने लगे। वे कौन थे, कहां से आए थे और उनका किससे ताल्लुक था, यह मैं तो नहीं कह सकता। सब अचानक हुआ लेकिन कल रात से इसकी अफवाहें फैल रही थीं। लोगों ने बताया कि सोशल मीडिया पर भी चल रहा था कि बंद रखें। मुख्तलिफ किस्म की बातें सोशल मीडिया पर थीं। कुछ लोग मेरे पास आए, वे मार्केट भी बंद करना चाहते थे। मैंने उन्हें समझाया कि हालात ठीक नहीं हैं, मुनासिब नहीं होगा कि मार्केट बंद किए जाएं। उन्होंने बात मान ली।''           
उन्होंने कहा कि ''जामा मस्जिद से निकले लोगों ने 15-20 मिनिट नारे लगाए और उसके बाद वे चले गए। लेकिन उनका किस पार्टी से ताल्लुक था, कौन थे, यह मैं नहीं कह सकता। एक चैनल ने खबर चलाई कि वे फलां पार्टी के थे। यह आपस में गलत फहमियां फैलाने के लिए खबर चलाई गई।'' 
शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि ''नाराजगी तो पूरे मुल्क में है। नाराजगी अपनी जगह है लेकिन जहां प्रदर्शन हो, वहां प्रशासन से इजाजत लेना जरूरी है। पुलिस बताएगी कि प्रदर्शन हो सकता है या नहीं। लोकतांत्रिक देश में सभी को अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन करने का हक है, लेकिन एडमिनिस्ट्रेशन से इजाजत लेने के बाद। यहां दिल्ली में किसी ने कोई इजाजत नहीं ली और न हमारे पास कोई सूचना थी।''