
भोपाल। नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को भितरघात का डर सता रहा है। भोपाल में पिछले दिनों पार्षद पद के दावेदारों की एक बैठक में यह शपथ पत्र भरवाया गया कि टिकट किसी को भी मिले, उसका विरोध नहीं करेंगे। पार्टी नहीं छोड़ेंगे और पूरी ताकत से प्रत्याशी का सहयोग करेंगे। निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसे भाजपा ने मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस पर कार्यकर्ताओं पर भरोसा न होने और उनका अपमान करने का आरोप लगाया। इससे बैकफुट पर आई कांग्रेस ने अब साफ किया है कि राज्य स्तर से शपथ भराने जैसा कोई निर्णय नहीं हुआ है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में दावेदारों से शपथ पत्र भराए जाने के मामले पर सफाई दी। उन्होंने मीडिया से कहा कि प्रदेश में ऐसा कहीं नहीं है। भोपाल में इस तरह की बात सामने आई है। यहां स्थानीय नेताओं को ऐसा लगता है कि शपथ पत्र भरवाया जाना तो हुआ है पर बाकी जगह ऐसा नहीं है। राज्य स्तर से इस संबंध में कोई दिशानिर्देश नहीं दिए गए हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने बताया कि हमने तय किया है कि जो व्यक्ति जिसके जितने की सिफारिश करेगा, उसका ब्योरा प्रदेश और राष्ट्रीय संगठन के पास रहेगा।
सर्वे के आधार पर नाम होंगे तय
उधर, सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव के लिए हम महापौर और पार्षद पद के दावेदारों का सर्वे भी करा रहे हैं। यह काम लगभग पूरा हो गया है। यह भी प्रत्याश्ाी चयन का आधार बनेगा।