
भोपाल । 2014 बैच के आइएएस अधिकारी वरदमूर्ति मिश्रा नौकरी छोड़ेंगे। उन्होंने व्यक्तिगत कारण का हवाला देते हुए मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन दे दिया है। अभी इसे स्वीकार नहीं किया गया है, पर मिश्रा अब नौकरी नहीं करने का मन बना चुके हैं। सामान्य प्रशासन विभाग 'कार्मिक" की प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने आवेदन मिलने की पुष्टि की है। मिश्रा को इसी वर्ष जनवरी में आइएएस अवार्ड हुआ था। वे 1996 में राज्य प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए थे। उन्होंने आइएएस अवार्ड पाने के लिए केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) में याचिका दायर की थी। दरअसल, विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण न होने के बाद उन्हें वरिष्ठता क्रम में पीछे कर दिया गया था, जिसके कारण उनसे कनिष्ठ राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को पहले आइएएस संवर्ग आवंटित हो गया था। मिश्रा अभी खनिज विकास निगम में कार्यकारी निदेशक हैं। उनकी नौकरी के सात वर्ष शेष हैं। वे पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी और छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार रहे हैं। मिश्रा का कार्यकाल काफी विवादास्पद भी रहा है। कई बार सरकार के फैसलों के खिलाफ उन्होंने न्यायालय की शरण ली।