झारखंड के सभी छात्रावास में अब रसोईया और चौकीदार की नियुक्ति होगी। इसके साथ ही आदिवासी बच्चियों के लिए छात्रावास बनाने का निर्णय लिया गया है, ताकि उन्हें शहर आकर पढ़ाई करने में असुविधा ना हो। साथ ही झारखंड के सभी सरना स्थलों और कल्याण विभाग की ओर से संचालित छात्रावासों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रकृति पर्व सरहुल के मौके पर इसकी घोषणा की। इससे पहले हेमंत सोरेन रांची के सिरमटोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल में आयोजित कार्यक्रम और आदिवासी बालक-बालिका छात्रावास में आयोजित सरहुल पर्व महोत्सव में शामिल हुए। उन्होंने कहा," वैश्विक महामारी कोरोना के बाद एक बार फिर हम सब जुटे हैं। अपनी सभ्यता, संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने में सुखद अनुभूति होती है।'

हेमंत सोरेन ने बताया कि कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों का जीर्णोद्धार कर छात्रावास की खामियों को दूर किया जा रहा है। अब इन बालक - बालिका छात्रावास में रसोईया और चौकीदार की व्यवस्था होगी। यहां रहने वाले विद्यार्थियों को भोजन भी सरकार उपलब्ध कराएगी। छात्रावास को नया स्वरूप देने का प्रयास किया जा रहा है। सीएम ने कहा कि हमारी विचारधारा हमलोगों को खूबसूरत और सौहार्दपूर्ण जीवन जीने का संदेश देती है। अपनी परंपरा और संस्कृति को अक्षुण्ण रखने का प्रयास करना है। जल, जंगल और जमीन हमारा है। इसे बचाना है। हमें अपनी परंपरा और संस्कृति को सहेजने में योगदान देना है।