
भोपाल । आज स्टेडियम में टंट्या भील को लेकर बड़ा आयोजन प्रदेश सरकार करने जा रही है, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहेंगे। उसके पहले पातालपानी में टंट्या भील मंदिर में पूजा और नई प्रतिमा का अनावरण भी किया जाना है। आदिवासी समुदाय में टंट्या भील को श्रद्धा से पूजा जाता है, लेकिन विकीपीडिया ने टंट्या भील को डकैत बता रखा था। मगर इंदौर के एक अफसर ने सक्रियता दिखाई और जब उन्हें विकीपीडिया खोलने पर यह भ्रामक और गलत जानकारी पता लगी तो उन्होंने उसे ऑनलाइन ही संशोधित कर विकीपीडिया को भेजा, जिसमें टंट्या भील को जननायक और आदिवासियों का हीरो बताया। विकीपीडिया में यह भूल सुधर भी गई और अब संशोधित जानकारी ही सर्च करने पर विकीपीडिया पर नजर आ भी रही है।
एक तरफ प्रदेश सरकार पूरी ताकत से इन आयोजनों में जुटी है। पहले भोपाल में बिरसामूंडा को लेकर बड़ा आयोजन हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री शामिल हुए और अब कल टंट्या भील के शहादत दिवस पर पातालपानी से लेकर इंदौर में आयोजन हो रहा है। मालवा-निमाड़ और उससे लगे जिलों में टंट्या भील अत्यंत लोकप्रिय है और आदिवासियों द्वारा उनकी वीरता के किस्से सुनाए जाते हैं, मगर विकीपीडिया पर भ्रामक जानकारी दर्शाई जा रही थी, जिसमें टंट्या भील का निधन 4 दिसम्बर 1889 को बताने के साथ उन्हें डकैती जैसी गतिविधियों में शामिल बताया। इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ विवेक श्रोत्रिय ने जब विकीपीडिया की यह त्रुटि देखी तो उन्होंने ऑनलाइन ही उसे सुधारा और टंट्या भील को आदिवासियों का हीरो और जननायक के रूप में बताया और कहा कि उनकी रॉबिन हुड की छवि भी है। यानी वे उस वक्त अंग्रेजों को लूटकर गरीबों में बांटते थे। श्रोत्रिय द्वारा विकीपीडिया पर किए गए इस सुधार का असर यह हुआ कि जहां भ्रामक जानकारी खत्म हुई, वहीं अब गूगल पर टंट्या भील सर्च करने पर विकीपीडिया में टंट्या भील के पेज पर जननायक और ट्राइबल हीरो के रूप में जानकारी सामने आ रही है। विकीपीडिया ने ऑनलाइन इस तरह के तथ्यों में सुधार के ऑप्शन दिए हैं, जिसके चलते इंदौरी अफसर ने एक बड़ी त्रुटि को ना सिर्फ पकड़ा, बल्कि उसे सुधार भी दिया। श्रोत्रिय का कहना है कि टंट्या भील हम सबकी भी आस्था का प्रतीक हैं और बचपन से ही उनकी वीरता के किस्से सुनते आए हैं और आदिवासी समुदाय में तो वे अत्यंत पूज्यनीय हैं ही। लिहाजा इस तरह की भ्रामक त्रुटि विकीपीडिया पर आपत्तिजनक ही है, जिसे उन्होंने ठीक किया।
जयस को आतंकवादी संगठन करार देने की भी आलोचना
आदिवासियों के वोट बैंक को लेकर राजनीतिक दलों में खींचतान चलती रही है। चूंकि भाजपा आगामी चुनावों को देखते हुए आदिवासियों को लुभाने के आयोजन कर रही है, जिसके चलते कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव ने कहा कि पहले तो भाजपा आदिवासी बंधुओं से माफी मांगे, क्योंकि भाजपा ने हमेशा उनकी खिलाफत की और उनकी मंत्री उषा ठाकुर ने आदिवासी संगठन जयस को आतंकवादी संगठन तक करार दिया था और अब यह भी कहा जा रहा है कि चार दिसम्बर को भीड़ जुटाओ अन्यथा देशद्रोह जैसे प्रमाण-पत्र दिए जाएंगे। श्री यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा वीर टंट्या मामा के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंक रही है।