भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरु नानक जयंती के अवसर पर निवास स्थित सभागार में गुरु नानक देव जी के चित्र पर माल्यार्पण किया। गुरू नानक, सिखों के प्रथम आदि गुरु हैं। इनके अनुयायी इन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से सम्बोधित करते हैं। गुरुनानक देव अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबन्धु के गुण समेटे हुए थे।

गुरु नानक देव जी का जन्म रावी नदी के किनारे स्थित तलवण्डी नामक गाँव में कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था। तलवण्डी अविभजित भारत के पंजाब प्रान्त का एक नगर है। तलवण्डी का नाम आगे चलकर गुरु नानक के नाम पर ननकाना पड़ गया। बचपन से इनमें प्रखर बुद्धि के लक्षण दिखाई देने लगे थे। उनके बचपन में कई चमत्कारिक घटनाएँ घटी, जिन्हें देखकर गाँव के लोग उन्हें दिव्य व्यक्तित्व मानने लगे।

गुरू नानक जी चारों ओर घूमकर उपदेश करने लगे। सन 1521 तक गुरुनानक ने चार यात्रा चक्र पूरे किए, जिनमें भारत, अफगानिस्तान, फारस और अरब के मुख्य स्थानों का भ्रमण किया। जीवन के अन्तिम दिनों में उनकी ख्याति बहुत बढ़ गई। वे मानवता की सेवा में समय व्यतीत करने लगे। गुरु नानक देव ने करतारपुर नामक एक नगर बसाया, जो अब पाकिस्तान में है। इसी स्थान पर इनका परलोक वास हुआ।