
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने रविवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर हमला बोलते हुए दावा किया कि इस बार चुनाव में पिछड़ों का 'इंकलाब' होगा और 22 में बदलाव होकर रहेगा. सपा प्रमुख ने रविवार को अंबेडकर नगर (Ambedkar Nagar) जिले में आयोजित 'जनादेश महारैली' को संबोधित करते हुए कहा, 'आपके क्षेत्र में भाजपा बचने वाली नहीं है, जब लालजी वर्मा, राम अचल राजभर, त्रिभुवन दत्त (पूर्व सांसद) और राम प्रसाद चौधरी (पूर्व मंत्री) साथ खड़े हों, तो भाजपा बचने वाली नहीं है. यह जनसैलाब इतिहास लिखने वाला है.'
मायावती के करीबियों ने ली सपा की सदस्यता
इस रैली में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के पूर्व नेता राम अचल राजभर और लालजी वर्मा ने विधिवत सपा में शामिल होने की घोषणा की. वर्मा और राजभर ने 25 अक्टूबर को ही घोषणा कर दी थी कि वे 7 नवंबर को अंबेडकर नगर की रैली में सपा की सदस्यता लेंगे. लालजी वर्मा अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट से तथा राम अचल राजभर अकबरपुर सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव जीते हैं. इन दोनों ही नेताओं को कभी बसपा प्रमुख मायावती का बहुत करीबी माना जाता था.
दो विचारधाराओं से सफल होगा भारत?
आपको बता दें कि राजभर बसपा के प्रदेश अध्यक्ष थे और वर्मा राज्य विधानसभा में बसपा विधायक दल के नेता थे. दोनों ही वर्ष 2007 से 2012 तक रही बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. पंचायत चुनाव के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने दोनों नेताओं पर भितरघात का आरोप लगाते हुए दल से बाहर कर दिया था. रैली को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर बने अंबेडकर नगर जिले और डॉक्टर लोहिया की जन्म भूमि से यह संदेश पूरे देश में जा रहा है और अगर इन दोनों महापुरुषों की विचारधारा के रास्ते पर निकल पड़ें तो दोनों की विचारधारा भारत के सपने को पूरा कर सकती हैं.
दो विचारधाराओं को मिलाने में नाकाम रहे अखिलेश
इस रैली के दौरान अखिलेश यादव ने कहा, 'जहां जाति और धर्म में लोगों को बांटा जा रहा है, वहां अंबेडकर के संविधान पर चलकर समतामूलक समाज के सपने को पूरा किया जा सकता है.' लोकसभा चुनाव में बसपा से सपा के गठबंधन की ओर इशारा करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, 'अभी कुछ दिन पहले हमने कोशिश की थी कि लोहिया और अंबेडकर की विचारधारा एक हो जाए, लेकिन हम उसमें सफल नहीं हुए, परंतु मैं कह सकता हूं कि जिस तरह दूसरे दलों के लोग आ रहे हैं, उससे भाजपा का सफाया होना तय हो गया है.'
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की हालत पर उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (लखनऊ-गाजीपुर) और समाजवादी सरकार में बनी आगरा एक्सप्रेस वे (आगरा-लखनऊ) की तुलना करते हुए कहा, 'सरकार के लोगों को जहां बुलडोजर चलाना चाहिए था वहां नहीं चलाया. अगर सड़क पर सही तरीके से बुलडोजर चला होता तो यह (पूर्वांचल एक्सप्रेस वे) सड़क आगरा-लखनऊ से भी बेहतर होती, इतनी खराब न बनती. जिस समय बुलडोजर चलाना था उस समय पता नहीं क्या कर रहे थे. साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि 'बाबा मुख्यमंत्री इसलिए छात्रों को लैपटॉप नहीं बांटे क्योंकि उन्हें लैपटॉप चलाना नहीं आता है, हम तो समाजवादी लोग हैं लैपटॉप चला लेंगे और समय पड़ेगा तो बुलडोजर भी चला लेंगे.'
अखिलेश ने थपथपाई खुद की पीठ
समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए अखिलेश यादव ने कहा, 'समाजवादी लोगों ने काम करके दिखाया था, लेकिन जबसे यह सरकार UP में आई है तबसे सिर्फ अन्याय बढ़ा और किसानों को धोखा दिया गया है.'
योगी सरकार को बताया तीन इंजन की सरकार
इसके अलावा अखिलेश ने सवाल किया कि क्या किसान इस बात को भूल जाएंगे कि ‘तीन इंजन’ वाली सरकार ने लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने का काम किया है. अखिलेश ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सरकार के अलावा लखीमपुर खीरी के सांसद व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा 'टेनी' को ‘तीसरा इंजन’ बताया जिनके बेटे को किसानों को कुचलने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है.