मानव अधिकार आयोग के हस्तक्षेप पर सेवानिवृत आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी को मिला लंबित समयमान वेतनमान

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा हस्तक्षेप करने पर सतना जिले के एक आवेदक को उसके लंबित समयमान वेतनमान का लाभ मिल गया है। इस बारे में मिली शिकायत का अंतिम निवारण हो जाने पर आयोग में यह मामला अब नस्तीबद्ध कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि सतना जिले के उतेली निवासी सेवानिवृत आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डा. रामपति सिंह ने 3 अक्टूबर 2019 को आयोग को एक शिकायत प्रेषित की, जिसमें उन्होने लिखा कि वे 31.12.2016  को सेवानिवृत हो गये है। चूंकि शासकीय सेवक को राज्य शासन के नियमानुसार क्रमोन्नति वेतनमान एवं समयमान वेतनमान दिये जाने का प्रावधान है। तथापि उन्हें जून 1999 में 10 वर्ष की शासकीय सेवा पूर्ण होने पर पहला समयमान वेतनमान तथा वर्ष 2009 में 20 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर दूसरा समयमान वेतनमान दिया जाना चाहिए था। परन्तु संचालनालय आयुष, मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा उन्हें आवेदन लिखे जाने की दिनांक तक समयमान वेतनमान मंजूर नहीं किया गया। अतः उन्हे समयमान वेतनमान का लाभ दिलाया जाये। शिकायत मिलने पर आयोग द्वारा जिला आयुष अधिकारी सतना से प्रतिवेदन मांगा गया। आयोग द्वारा मामले की निरंतर सुनवाई की गई। जिस पर संचालनालय, आयुष, मध्यप्रदेश, भोपाल द्वारा अगस्त 2021 में आयोग को अवगत कराया गया है कि आवेदक सेवानिवृत आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डा रामपति सिंह को 13 अगस्त 2021 को प्रथम एवं द्वितीय समयमान वेतनमान स्वीकृत कर दिया गया है।