
नई दिल्ली । प्रदेश में चाहे सपा की सरकार रही हो या भाजपा सरकार। कुम्भ 2019 के पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गंगा पूजन कराया था। महंत नरेंद्र गिरि का हर सरकार में बड़ा रसूख था। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लगाव की बात हो या भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महंत नरेंद्र गिरि का सभी से काफी जुड़ाव रहा। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को हनुमान मंदिर में दर्शन कराने से लेकर बाघम्बरी मठ में भोजन कराने के दौरान तक की तस्वीरें अब भी बड़े हनुमान मंदिर और बाघम्बरी मठ में लगी हैं। कई लोगों के बीच उनके लिए सपा के संत की भी चर्चा रही, लेकिन वर्ष 2017 में जैसे ही प्रदेश में भाजपा की सरकार आई महंत नरेंद्र गिरि इस सरकार के भी करीबी बन गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संत परंपरा से आने के कारण उनके पूर्व से ही महंत नरेंद्र गिरि से अच्छे रिश्ते रहे। सीएम के प्रयागराज आगमन पर उन्हें भोजन कराने, हनुमान मंदिर में पूजन कराने से लेकर लखनऊ में सीएम कार्यालय जाकर मुलाकात का सिलसिला बना रहा। ज्यातिष्पीठ को लेकर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती और श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती में हमेशा विवाद रहा। संतों का एक धड़ा जहां स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती का हिमायती रहा, वहीं महंत नरेंद्र गिरि हमेशा स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के हिमायती रहे। उन्होंने हमेशा उनका सम्मान किया।