राजधानी में पुराने हादसों और कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इस बार गणेश मूर्ति विसर्जन व्यवस्था बदली हुई रहेगी। नगर निगम शहर के 15 से ज्यादा स्थानों पर स्टॉल लगाएगा। लोग घरों में बप्पा की पूजा करने के बाद मूर्तियों को स्टॉल पर ले जाएंगे। जहां से निगम की गाड़ी में मूर्तियों को घाटों पर ले जाया जाएगा। यहां सामूहिक रूप से विसर्जन होगा। बड़ी मूर्तियों का विसर्जन अफसरों की देखरेख में होगा। 6 घाटों के लिए अफसरों की तैनाती कर दी गई है।

डोल ग्यारस (एकादशी) 18 सितंबर से ही घाटों पर अमला तैनात हो जाएगा, जो 20 सितंबर को विसर्जन समाप्त होने तक रहेगा। विसर्जन जुलूस या चल समारोह निकालने की मनाही है। इसलिए आयोजक समेत 10 लोग ही शामिल हो सकेंगे। चूंकि, शहर में 800 से ज्यादा छोटे-बड़े स्थानों पर पंडालों में गणेशजी विराजित किए गए हैं। ऐसे में घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था बड़ी चुनौती रहेगी। जिसकी तैयारियां जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम ने पहले से कर ली है।