बिलासपुर ।  प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते डीजे संघ वालों ने जमकर अनुशासनहीनता दिखाएं.. इसके अलावा अपने फायदे के लिए मामले को धार्मिक रूप देने से भी नहीं कतराएं.. दरअसल कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा जिले में गणेश उत्सव के दौरान आदेश निकाल कर विसर्जन के दौरान डीजे बजाने की मनाही की गई है इसके अलावा बहुत सारे कड़े नियम बनाए गए हैं जिससे कोरोना के खतरे को बढऩे से रोका जा सके लेकिन कुछ लोगों द्वारा अपने निजी हित और डीजे संघ द्वारा डीजे बजाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में प्रदर्शन किया गया.. इसके अलावा डीजे संघ वालों ने हिंदू धर्म का आड़ लेते हुए प्रदर्शन किया जिससे कई सवालिया निशान भी खड़े होते हैं आखिर डीजे बजाने की परमिशन या व्यवसाय को किस तरह धर्म से जोड जा सकता है.. और जब जिला प्रशासन ने पहले ही बैठक लेकर डीजे बजाने की मनाही की है तो आखिर रोड जाम कर प्रदर्शन करने का क्या मतलब हो सकता है.. प्रदर्शन के दौरान कुछ नेता नुमा लोग भी अपने हितों को साधने नजर आए धर्म की आड़ लेकर धर्म का ठेकेदार बनने वाले इन नेताओं द्वारा कोशिश किया गया कि.. मामले को धार्मिक रंग दिया जा सके और उसके दबाव में आकर जिला प्रशासन अपने निर्णय को बदल सके.. सड़क को जाम करने वाले लोगों के सामने पुलिस भी नतमस्तक होती नजर आई व्यवस्थाओं को संभालने के नाम पर पुलिस से लोगों को एकत्रित कर रही थी जबकि ऐसे मामले में त्वरित कार्रवाई कर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाना चाहिए था.. बहराल एडिशनल कलेक्टर से डीजे संघ वालों के मुलाकात के बाद डिप्टी कलेक्टर ने बताया कि.. हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार निर्धारित वॉल्यूम में डीजे बजाने जाने की अनुमति दी गई है..