INS Dhruv: इस जंगी जहाज को इतना गोपनीय रखा गया था कि सिर्फ प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की निगरानी में ही इसे बनाने का काम पूरा हुआ। अब इसे आधिकारिक तौर पर नौसेना में शामिल किया जाएगा।भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की कोशिशें जारी हैं। इसी के मद्देनजर नौसेना को महज सात साल के अंदर देश में बना पहला सैटेलाइट और बैलिस्टिक मिसाइल ट्रैकिंग जहाज आईएनएस ध्रुव मिलने जा रहा है। विशाखापत्तनम में मौजूद इस 17 हजार टन वजनी ट्रैकिंग पोत के जरिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय नौसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा होने का अनुमान लगाया जा रहा है। दरअसल, मौजूदा समय में दुनिया के सिर्फ चार देशों के पास ही इस तकनीक वाला नौसैन्य मिसाइल सिस्टम मौजूद है।