लखनऊ । उप्र की योगी सरकार ने अगले पेराई सत्र की गन्ने की नयी सट्टा नीति घोषित कर दी है। इसके तहत गन्ने के बढ़ते उत्पादन को देखते हुए प्रति किसान प्रति हेक्टेयर गन्ने की आपूर्ति सीमा बढ़ा दी गयी है। प्रति सीमांत किसान (एक हेक्टेयर तक) अधिकतम 850 कुंतल, लघु किसान के लिए (दो हेक्टेयर) तक के लिए 1,700 कुंतल और सामान्य किसान के लिए (पांच हेक्टेयर) तक के लिए 4,250 कुंतल तय किया गया है। उपज बढ़ोत्तरी की दशा में सट्टे की अधिकतम सीमा सीमा, लघु व सामान्य किसान के लिए क्रमशः 1350, 2,700 और 6,750 कुंतल होगी है। 
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय आर.भूसरेड्डी ने गुरुवार को यहां बताया कि गन्ना आपूर्ति नीति के आधार पर ही प्रदेश के गन्ना किसानों को गन्ने की पर्चियां जारी करने सहित आपूर्ति के लिए विस्तृत निर्देश चीनी मिलों को दिये जाते हैं। ट्रेंच विधि से बोवाई, सहफसली खेती एवं ड्रिप के प्रयोग एक ही खेत पर शुरू करने वाले चयनित ’’उत्तम गन्ना कृषकों’’ से उपज बढोत्तरी के प्रार्थना-पत्र निःशुल्क प्राप्त किये जाएंगे। ड्रिप इरीगेशन पद्धति से सिंचाई करने वाले किसानों को उपज बढ़ोत्तरी में प्राथमिकता दी जायेगी। जो किसान पेराई सत्र 2020-21 में नये सदस्य बने हैं तथा एक वर्ष ही गन्ने की आपूर्ति किये है उनके एक वर्ष की गन्ना आपूर्ति को बेसिक कोटा माना जाएगा। जिन किसानों के पास गन्ने की उपज क्राप कटिंग प्रयोगों की औसत उपज से अधिक है वे आवश्यकतानुसार उपज बढ़ोत्तरी के लिए अपने आवेदन पत्र निर्धारित शुल्क के साथ 30 सितम्बर तक दे सकते हैं।