किसान आंदोलन के बीच सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए कई रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दिया है। किसानों को सपोर्ट देने के लिए दलहन (मसूर) और तिलहन (सरसों) का MSP सबसे ज्यादा बढ़ाया गया है। MSP बढ़ाने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यूनियन कैबिनेट की बैठक में हुआ।

मसूर और सरसों के MSP में 400-400 रुपए का इजाफा

सरकार ने फसल वर्ष 2022-23 के लिए मसूर और सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 400-400 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा किया है। चने के MSP में 130 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। गेहूं का समर्थन मूल्य 40 रुपए प्रति क्विंटल बढ़कर 2015 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। जौ का MSP 35 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है।

टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए 10,683 करोड़ की PLI स्कीम

यूनियन कैबिनेट की बैठक में टेक्सटाइल सेक्टर के लिए प्रॉडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (PLI) स्कीम को भी मंजूरी दी गई है। सरकार टेक्सटाइल के प्रॉडक्शन को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच साल में 10,683 करोड़ रुपए का खर्च करेगी। उसने इसमें खासतौर पर मैनमेड और टेक्निकल टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने पर फोकस किया है।

स्कीम से सीधे तौर पर साढ़े सात लाख लोगों को रोजगार मिलेगा

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए घोषित PLI स्कीम से सीधे तौर पर साढ़े सात लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। गौरतलब है कि कैबिनेट ने इससे पहले देश में मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए 13 सेक्टर में PLI स्कीमों को मंजूरी दी थी।

मैनमेड और टेक्निकल टेक्सटाइल पर ध्यान देने की जरूरत

कपड़ा क्षेत्र के लिए PLI स्कीम के बाबत केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कपड़ा उद्योग में सबसे ज्यादा रोजगार पैदा होते हैं। देश में परंपरागत रूप से कॉटन टेक्स्टाइल पर फोकस किया जाता रहा है और इस क्षेत्र में वैश्विक बाजार में भारत का दबदबा और अच्छी ग्रोथ है। लेकिन देश को मैनमेड और टेक्निकल टेक्सटाइल पर भी ध्यान देने की जरूरत है।