भोपाल । मध्य प्रदेश की एक लोकसभा सीट और तीन विधानसभा सीटों पर अब त्योहारों के बाद ही उपचुनाव होंगे। चुनाव आयोग ने राज्यों के मुख्य सचिव ने इसको लेकर इनपुट मांगा था। जिस पर मुख्य सचिव ने बाढ़, कोरोना और त्योहारों का हवाला देते हुए उप चुनाव को इसके बाद करना उचित बताया। आयोग से मिले संकेतों के बाद भाजपा और कांग्रेस ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश में जिन चार सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें से खंडवा लोकसभा सीट शामिल है। इसके अलावा रैगांव, जोबट और पृथ्वीपुर में विधानसभा उपचुनाव होने हैं। इन 4 सीटों का उपचुनाव बीजेपी के लिए इसलिए भी अहम हैं, क्योंकि उसे दमोह उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में उपचुनाव से पहले सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने नए नए प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है। एक तरफ जहां बीजेपी सोशल मीडिया पर रणनीति को धार देने के लिए नई नियुक्तियां कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस नए प्लान पर काम कर रही है। कांग्रेस ने उपचुनाव से पहले प्लान रीच-100 लॉन्च किया है। प्लान रीच-100 के तहत कांग्रेस हर जिले में सोशल मीडिया पर एक्टिव 100 लोगों को जोड़ रही है। पहले जोड़े गए 100 लोग फिर विधानसभा स्तर पर 100 और लोगों को जोड़ेंगे। इस तरह एक चेन बनेगी।। एक जिले में कम से कम 10 हज़ार लोगों को जोडऩे का टारगेट रखा गया है। कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम इस पर काम कर रही है।
इन मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस, बीजेपी देगी जवाब
मध्य प्रदेश में भले अभी चुनाव न हों, चार सीटों के उपचुनाव की तारीखों का भी ऐलान न हुआ हो, लेकिन चुनावी मुद्दों की गर्माहट अभी से महसूस होने लगी है। 2003 के विधानसभा चुनाव में जिन मुद्दों के सहारे बीजेपी कांग्रेस को घेरकर सत्ता तक पहुंची थी, अब उन्हीं मुद्दों के सहारे कांग्रेस ने बीजेपी की घेराबंदी शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश में हुई बारिश के बाद खस्ताहाल सड़कें एक बार फिर मुद्दा बन गई हैं। इनके अलावा ग्वालियर चंबल में बाढ़ और बारिश से पुल, पुलियों के बह जाने, बिजली के भारी भरकम बिल और बढ़ती महंगाई को कांग्रेस ने जोर-शोर से उठाना शुरू कर दिया है। विपक्ष के तेवरों को लेकर बीजेपी ने भी जवाबी हमलों की तैयारी तेज कर दी है। बीजेपी ने लोगों से जुडऩे के लिए पूरे एक साल के कार्यक्रमों की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस के 2003 से पहले के शासन में बिजली और सड़क के हालातों और अब के हालातों के तुलनात्मक आंकड़े भी पेश किए जा रहे हैं। प्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि खराब सड़कों को तत्काल सुधारा जा रहा है। बिजली के क्षेत्र में रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है। पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि कांग्रेस 18 साल में बूढ़ी हो गई है और अब उसे मुद्दे नहीं मिल रहे हैं। कांग्रेस सरकार की तुलना में आज प्रदेश के स्टेट हाईवे नेशनल हाईवे और एमडीआर रोड बेहतर हालत में हैं। परफॉर्मेंस गारंटी वाली सड़कों के खराब होने पर उनके सुधारने का प्रावधान है।