जबरन या पहचान छिपाकर धर्मांतरण के विरुद्ध भले ही राज्य सरकार ने कानून लागू कर दिया हो पर सूरत में केंद्र सरकार की यूनीक आईडी आधार पोर्टल में सेंध लगाकर धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा है। बिना किसी कानूनी कागजात के आधारकार्ड में संशोधन करके व्यक्ति के नाम बदल दिया जाता है। इस काम के लिए दलालों ने बकायदा रेट लिस्ट बना रखी है। पैसा दो, लिंग, जाति, धर्म सब बदलवा लो। इतना नहीं ऐसा भी केस सामने आया है, जिसमें एक युवती ने आधार कार्ड में धर्म परिवर्तन करा कर दूसरे धर्म के युवक से शादी कर ली।
आधार कार्ड के जरिए धर्म परिवर्तन की जानकारी मिलने के बाद भास्कर ने इन्वेस्टिगेशन की। जिसमें खुलासा हुआ कि धर्म परिवर्तन का यह खेल केंद्र सरकार के अधिकृत एक आधार केंद्र पर चल रहा है। जहां सांसद, विधायक एवं पार्षद के लेटरहेड पर एक एप्लीकेशन लिख कर आधार कार्ड में बदलाव कर दिया जाता है। केंद्र हिन्दू को मुस्लिम और मुस्लिम को हिन्दू बना देते हैं।
आधार कार्ड गैंग विदेशी नागरिकों के भी आधार कार्ड बना देती है। बांग्लादेशी घुसपैठियों और पश्चिम बंगाल से आने वाले अल्पसंख्यों के हिन्दू नाम से आधार कार्ड बना देते हैं। भास्कर रिपोर्टर ने आधार कार्ड सेंटर संचालक से फोन पर बात कर आधार कार्ड में परिर्वतन का सौदा किया।
आधार केंद्र कर्मचारी से बातचीत के अंश
भास्कर रिपोर्टर ने फोन पर सौदा तय होने के बाद आधार कार्ड सेंटर संचालक को एक मुस्लिम युवक के आधार कार्ड की प्रति भेजी कर उसका उसका हिन्दू नाम से आधार बनाने के लिए कहा। केंद्र संचालक ने 3000 रुपए में एजाज का आधार कार्ड हिन्दू नाम अजय से बनाकर देने की हामी भर ली। भास्कर के पास कॉल रिकॉडिंग समेत सभी तथ्य मौजूद हैं।
रिपोर्टर: मुझे कुछ आधार कार्ड बनवाने हैं। कुछ का नाम भी बदलना है। कर्मचारी: हां, हो जाएगा
रिपोर्टर: इसके लिए क्या चार्ज है आपका?
कर्मचारी: आपके पास क्या सबूत है ? किसका नाम बदलना है ? आपका या किसी और का है ?
रिपोर्टर: मेरे एक रिलेटिव का है, वो अभी गांव से आए हैं। कर्मचारी: लेकिन आपको मेरा नंबर किसने दिया ?
रिपोर्टर: मेरे दोस्त ने दिया है अगर आप कर सको तो ठीक है वरना कोई बात नहीं। कर्मचारी: हो जाएगा इसमें कोई दिक्कत नहीं। नाम बदलने के लिए फोटो आईडी चाहिए।
रिपोर्टर: कोई दस्तावेज नहीं। सिर्फ घर का भाड़ा करार मिल जाएगा। उसका आधार कार्ड मिल जाएगा। कर्मचारी: ठीक है। हो जाएगा। इसके लिए 350 चार्ज होगा।
रिपोर्टर: हिन्दू से मुस्लिम का भी इतना ही चार्ज है कि अलग है?
कर्मचारी: उसका अलग चार्ज है। जैसे नेपाली लोग हैं, बंगाल से हैं, उनका तो 3 हजार तक का चार्ज होता है।
रिपोर्टर: मेरा एक दोस्त है, उसका नाम एजाज है। उसका हिन्दू नाम से आधार कार्ड बनवाना है। कर्मचारी: हां, हो जाएगा , लेकिन इसके लिए क्लास-1 ऑफिसर का लेटरहेड चाहिए।
रिपोर्टर: तो उसके लिए क्या करना पड़ेगा, कौन होता है क्लास-1 ऑफिसर?
कर्मचारी: वो तो मेयर या पुलिस ऑफिसर और अन्य किसी सरकारी विभाग के कर्मचारी होते है, लेकिन आपको उसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है, वो सब मैं करवा लूंगा।
रिपोर्टर: ठीक है, मैं आपको उसका आधार कार्ड दे दूंगा आप देख लेना पैसा मिल जाएगा आपको।
बातचीत के बाद सेंटर कर्मचारी ने बतौर सेम्पल दिल्ली और सूरत के कुछ सरकारी अधिकारी और कॉर्पोरेटर की स्टेम्प और साइन किया हुआ लेटर भेजा और कहा ऐसा लेटर बनवाना पड़ता है।
दूसरे कॉल पर कानून का डर बताया
रिपोर्टर: भाई एजाज के आधारकार्ड पर नाम बदलने का पैसा कब दे दूं आपको?
कर्मचारी: अभी थोड़ा रुक जाओ , क्योंकि इसमें थोड़ी दिक्कत हो सकती है। अभी कानून सख्त है, इसलिए थोड़ा रुक जाइए।
रिपोर्टर: लेकिन मैंने उससे पैसे ले लिए हैं, अब बताइए कि मैं क्या करूं?
कर्मचारी: क्या आप उसको जानते हो ? आपके पहचान का है तो कर देंगे।
रिपोर्टर: हां जानता हूं, इसलिए बोल रहा हूूं। कर्मचारी: ठीक है कर देंगे, लेकिन कोई रिस्क नहीं होना चाहिए और पैसे मुझे किसी भी तरीके से दे देना।
एक्सपर्ट्स ने कहा- गजट नोटिफिकेशन के बिना धर्म परिवर्तन कानूनी नहीं
सूरत में यूनिक आइडेंटिफिकेशन ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के मैनेजर प्रदीप पटनायक का कहना है कि बिना गजट नोटिफिकेशन के कोई भी धर्म-परिवर्तन नहीं हो सकता और जो भी ऐसा कर रहा है तो वो अपराध है। हमारी जानकारी में ऐसा नहीं है।
वकील विनय शुक्ला ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति का नाम बदलना हो तो उसमें सरकारी गैजेट्स के दस्तावेज रखने पड़ते हैं, जैसे कि व्यक्ति की मार्कशीट या अन्य ऐसे दस्तावेज जहां उसका नाम सही अंकित हो। यदि उसे आधार कार्ड पर अपना दूसरा धर्म लिखना है तो कलेक्टर के पास से मंजूरी लेनी पड़ती है और मंजूरी के बाद ही आधार कार्ड पर नाम-धर्म बदला जा सकता है।
सूरत के कलेक्टर आयुष ओके ने कहा कि किसी भी व्यक्ति का धर्म परिवर्तन आधार कार्ड पर करना है तो उसके लिए उसे कलेक्टर की परमिशन लेनी ही पड़ती है। यदि ऐसे कोई मामले आपके पास हैं तो आप हमें दीजिए हम उस पर कार्रवाई करेंगे। फिलहाल हाईकोर्ट ने कुछ वजह से धर्म परिवर्तन के लिए कलेक्टर की तरफ से ली जाने वाली सभी परमिशन रोकी हुई हैं।