
जयपुर। राजस्थान में शराबबंदी लागू नहीं होगी। राजस्थान सरकार ने पहली बार ये साफ तौर पर कहा है कि शराब सरकार की आय का बड़ा जरिया है। इसे बंद करने के बजाय सरकार उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त शराब पिलाएगी। सरकार ने शराबबंदी को लेकर अपनी राय बीजेपी विधायक के एक सवाल के जबाब में साफ की है। बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने एक सवाल में सरकार से पूछा कि राजस्थान में लगातार शराब पीने से हादसे हो रहे हैं। महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाएं बढ़ी हैं। ऐसे में सरकार शराबबंदी लागू करने का फैसला क्यों नहीं कर रही है? दिलावर के सवाल के जबाब में राजस्थान सरकार ने कहा कि शराब से इसी साल 13 हजार करोड़ की आय हुई है। ऐसे में शराबबंदी के बजाय मद्य संयम नीति का पालन करवा रहे हैं।
जाकारी के अनुसार राजस्थान में पिछली वसुंधरा राजे सरकार के दौरान एक पूर्व विधायक गुरुशरण छाबड़ा की शराबबंदी की मांग को लेकर अनशन के दौरान मौत हो गई थी। तब से छाबड़ा का परिवार राज्यभर में शराबंबदी की मांग को लेकर आंदोलन चला रहा है। राजस्थान सरकार ने शराबबंदी पर विचार करने के लिए कैबिनेट सब कमेटी भी बनाई थी। राजस्थान सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2019 व 2020 में शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से 64 लोग घायल हुए। इसके साथ ही 37 लोगों की मौत हुई। भाजापा विधायक मदन दिलावर ने कहा कि सरकार का कहना है कि हमको 13 हजार करोड़ का राजस्व कमाना है। अच्छी क्वालिटी की शराब उपलब्ध कराएंगे, लेकिन मैं जानना चाहता हूं कि अच्छी क्वालिटी की शराब क्या है? क्या राजस्व मिलता है जिससे हजरों लोग अपंग हो रहे हैं? बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे सामाजिक तानाबाना बिगड़ गया। वैसे हकीकत में कोई राजस्व नहीं मिलता है। अगर नुकसान को देखें तो हादसों में घायल होने, मरने वालों और सभी का आंकलन किया जाए तो कोई पैसा नहीं मिलता है। जिस भी राज्य में शराब बेची जाती है वहां नशा बंदी की जाए।