केंद्र सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) योजना में अब लोगों की रुचि कम होने लगी है। वित्त वर्ष 2021-22 के शुरुआती 4 महीने यानी अप्रैल से जुलाई के दौरान इससे सिर्फ 15,283 लोग जुड़े हैं यानी हर महीने सिर्फ 3,821 लोग। श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त के पहले 24 दिनों में इसमें मात्र 1,223 नए रजिस्ट्रेशन हुए हैं।

बीते साल के मुकाबले आधे से भी कम हुई नई रजिस्ट्रेशनों की संख्या

साल 2019-20 में इस स्कीम में रोजाना 4,361 रजिस्ट्रेशन होते थे जो 2020-21 में घटकर 356 पर आ गए। अब अगर साल 2021-22 की बात करें तो 24 अगस्त तक इसमें कुल 16,506 लोग जुडे़ हैं। यानी हर दिन सिर्फ 113 लोग PMSYM से जुड़े हैं। मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में PMSYM से औसतन हर महीने 10,843 और 2019-20 में 115,000 रजिस्ट्रेशन हुए।

5 साल में 10 करोड़ लोगों को शामिल करने का था लक्ष्य

15 फरवरी 2019 को जब इस योजना की शुरुआत की गई थी तक से लेकर 24 अगस्त तक इससे सिर्फ 45.1 लाख लोग ही जुड़े हैं। जबकि सरकार का इस योजना से 5 सालों में 10 करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्य था, लेकिन अब तक उसका 5% भी नहीं हो सका है।

क्यों मोह हो रहा भंग?

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इस स्कीम में आपको 10 साल निवेश करना होता है। इसके बाद आपके 60 साल का होने पर आपको हर महीने 3 हजार रुपए पेंशन मिलती है। मान लीजिए आप 40 साल की उम्र में इसमें रजिस्ट्रेशन कराते हैं तो आपको 20 साल बाद यानी 2041 में पेंशन मिलना शुरू होगी। बढ़ती महंगाई को देखते हुए 2041 में 3 हजार रुपए काफी कम रहेंगे। ऐसे में लोग महंगाई के हिसाब से रिटर्न पाने के लिए अपने हिसाब से निवेश कर रहे हैं।

क्या है योजना?

इस योजना के तहत असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स को 60 साल की उम्र के बाद 3000 रुपए पेंशन मिलती है। योजना के तहत जितना कंट्रीब्यूशन हर महीने लाभार्थी करता है, उतना ही सरकार उसमें मिलाती है। यानी अगर आपका कॉन्ट्रिब्यूशन 100 रुपए है तो सरकार भी इसमें 100 रुपए मिलाएगी।

ये योजना असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के लिए है। इनमें घर में काम करने वाले, रेहड़ी लगाने वाले दुकानदार, ड्राइवर, प्लंबर, दर्जी, मिड-डे मील वर्कर, रिक्शा चालक, निर्माण कार्य करने वाले मजदूर, कूड़ा बीनने वाले, बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा, कृषि कामगार, मोची, धोबी और चमड़ा कामगार को शामिल किया गया है।

इस स्कीम में कौन कर सकता है निवेश

  • योजना के लिए असंगठित क्षेत्र के मजदूर की इनकम 15,000 रुपए महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • सेविंग बैंक अकाउंट या फिर जन-धन अकाउंट और आधार नंबर होना चाहिए।
  • उम्र 18 साल से कम और 40 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। पहले से केंद्र सरकार की किसी अन्य पेंशन स्कीम का फायदा नहीं उठाया रहा हो।
  • इस स्कीम में 50 रुपए से लेकर 200 रुपए तक का योगदान हर महीने करना होता है।
  • इसमें आपका योगदान आपकी उम्र पर निर्भर करता है। अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें