जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज स्वर्गीय राजीव गांधी की 77 वीं जयंती पर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए राजस्थान इनोवेशन विजन राजीव 2021 सूचना तकनीकी से सुशासन कार्यक्रम में आईटी क्षेत्र में देश की प्रगति का श्रेय स्वर्गीय राजीव गांधी को दिया। उन्होने कहा कि राजीव गांधी ने ही 18 साल के युवाओं को वोट देने का मताधिकार देने का साहसिक फैसला लिया था और आया राम गया राम की राजनीति पर विराम लगाया था।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार के द्वारा की जा रही राजनीति से लोकतंत्र को पहुंच रही क्षति पर घेरा और कहा कि  सत्ता  को ऐनकेन प्रकारेण अपने हमारे पूर्वजो ने जो संविधान की मान मर्यादाएं तय की थी उन्हें तहस नहस कर स्वार्थ सिद्ध किए जा रहे है कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने 70 साल में देश के लिए क्या किया है उन्होने कहा कि कांग्रेस ने 70 साल में देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाये रखा और संविधान की मान मर्यादा को अक्षुण रखा सूचना टेक्नोलॉजी के जरिए स्वर्गीय राजीव गांधी ने देश को 21 वीं सदी में लें जाने की वचनबद्धता को सही होने वक्त तक निभायें रखा। गहलोत ने कहा कि आज सत्ता में बैठे लोग बात करते हैं परंपराओं की व्यवहार में उनसे आलोचना भी सहन नहीं होती आलोचना करने वालों को तो देशद्रोही मानते हैं। जिस रूप में देश चल रहा है, उसकी हमें चिंता होनी चाहिए नाम बदलना बड़ा आसान होता है, लेकिन इससे इतिहास नहीं बनता। तथ्यों को तोडऩे-मरोडऩे से इतिहास नहीं बदल सकते। नाम बदलना तो इनके फितरत में है नाम बदलकर इतिहास बनाना मुश्किल है। गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी के हर फैसले का असर देश के विकास को और लोकतंत्र को मजबूत करने वाला रहा इसके लिए उन्होने असम की सरकार को भी कुर्बान कर दिया था उन्होने कहा कि राजीव गांधी के उस फैसले के वक्त में राज्यमंत्री के तौर पर उनके साथ काम कर रहा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज केन्द्र की सरकार ऐनकेन प्रकारेण राज्यों में चुने हुए विधायकों का इस्तीफा करवाकर पुन: सरकार बनाने का कुच्रक चल रही है जिसका नतीजा है कि विकास की तेज गति अवरूद्ध तेज हो जाती है। उन्होने कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी देश हित और लोकहित के फैसले लेने के लिए जाने जाते रहे है इन फैसलो में उन्हे कई दफा पार्टी का भी विरोध झेलना पडता था मगर लोकतंत्र में  युवाओं को सत्ता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए उन्होने अपने कदम पीछे कभी नहीं हटायें आज सूचना क्रांति के जनक के रूप में राजीव गांधी को हम याद कर रहे है इसलिए क्योंकि धीरे धीरे केन्द्र से लेकर राज्यों की हर सरकार पेपरलेस कार्य करने की प्राथमिकता को महत्व दे रही है।