
जयपुर । परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी की अध्यक्षता में इंटीगेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस (आई.आर.ए.डी) सॉफ्टवेयर की समीक्षा बैठक एवं आमुखीकरण कार्यशाला आयोजित हुई। विशेषज्ञ के रूप में आईआईटी मद्रास से प्रोफेसर वेंकटेश बालासुब्रमण्यम शामिल हुए। बैठक में सोनी ने आई.आर.ए.डी से जुड़े सभी स्टेक होल्डर विभागों के नोडल अधिकारियों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि आई.आर.ए.डी पर केवल सडक़ दुर्घटनाओं के आंकड़ों का संग्रहण करना मात्र ही हमारा कार्य नहीं है। ये तो सिर्फ शुरूआत है। आंकड़ों पर निरंतर विश्लेषण किया जायें, ताकि दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगाकर कमी लाने की रणनीति तैयार की जा सकें। समीक्षा बैठक में सॉफ्टवेयर में आंकड़़ों के संग्रहण करने के बाद की स्थिति और आ रही समस्याओं के बारे में 3 घंटे तक चर्चा हुई। सोनी ने सभी संबंधित विभागों के नोडल अधिकारियों के सामने आ रहे इश्यूज के समाधान के लिए सुझाव मांगे, ताकि स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप सॉफ्टवेयर में सुधार किया जा सकें। सोनी ने कहा कि एक मिशन बनाकर और सोशल सर्विस की तरह आई.आर.ए.डी पर कार्य किया जायें। इससे ही सडक़ दुर्घटनाओं व उनसे होने वाली मृत्यु पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी ट्रोमा सेंटर्स की भी ऑनलाइन मेपिंग जल्द से जल्द की जायें, ताकि दुर्घटना के समय घायल को नजदीकी सेंटर तक पहुंचाने में आसानी हो सकें। सोनी ने पुलिस विभाग के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आई.आर.ए.डी पर दुर्घटना के आंकड़ों का संग्रहण करने और अन्य स्टेक होल्डर विभागों तक सूचनाएं पहुंचाने में बेहतरीन कार्य किया हैं।