भोपाल । राजधानी में ‎जिस तरह से ‎नियम कायदों को ताक पर रखकर नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं वैसे ही नर्सिंग होम्‍स भी चल रहे हैं। शहर में कई नर्सिंग कॉलेज किराए के दो-चार कमरों में चल रहे हैं, ले‎किन ‎स्वास्थ्य विभाग की नजरें अभी तक इस और नहीं पडी है। बहरहाल शहर के कई नर्सिंग होम्स भी मापदंडों को ताक पर रखकर चल रहे हैं। मोतिया तालाब के पास तो आलम यह है कि एक ही भवन में चार-पांच नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं। हमीदिया अस्पताल के पास चल रहे कुछ नर्सिंग होम्स में तो आपातकालीन द्वार तक नहीं है। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराई जा रही नर्सिंग होम्स की जांच में सामने आई है। पूरी रिपोर्ट तैयार होने के बाद इन अस्पतालों को नोटिस जारी किया जाएगा। जिन अस्पतालों में ज्यादा कमियां मिलेंगी, उन्हें बंद भी कराया जा सकता है।बता दें कि भोपाल समेत पूरे प्रदेश में नर्सिंग होम्स की जांच अपर मुख्य सचिव मो. सुलेमान के निर्देश पर की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बताया कि शहर के कुछ और नर्सिंग होम्स पर पंजीयन निलंबित करने या रद्द करने की कार्रवाई हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग की 10 टीमें इन अस्पतालों का निरीक्षण हफ्ते भर से कर रही हैं। 20 दिन पहले 11 अस्पतालों का पंजीयन निरस्त किया जा चुका है। इस संदर्भ में सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि 20 अगस्त तक सभी टीमों को जांच पूरी करने के लिए कहा गया था, लेकिन कुछ टीमों की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। टीमें इन अस्पतालों में चेक लिस्ट के आधार पर जांच कर रही हैं। इसके अलावा निरीक्षण कर यह देखा जा रहा है कि जगह कितनी है। बायोमेडिकल वेस्ट का निपटान हो रहा है या नहीं। आपातकालीन द्वार है या नहीं। सबसे ज्यादा ध्यान डॉक्टर और नर्स की संख्या पर है। एक टीम ने बुधवार को हमीदिया अस्पताल के पास एविसिना अस्पताल और गुरुदत्त यूरो अस्पताल का निरीक्षण किया।  नर्सिंग होम्स की तर्ज में पर  नर्सिंग कॉलेजों की भी जांच होना चा‎हिए ता‎कि वहां की क‎मियों के बारे में भी पता चल सकें।