
बिलासपुर । अरपा की हालत को लेकर लगाई गई जनहित याचिका परमा हाई कोर्ट ने सुनवाई की.. हाईकोर्ट ने शहर में घटते जल स्त्रोत पर चिंता जाहिर की साथ ही रेत की खुदाई को नदी में पानी कम होने के लिए जिम्मेदार मानते हुए राज्य सरकार को जवाब देने के निर्देश दिए कोर्ट ने राज्य शासन से सवाल किया कि.. अरपा नदी में रेत उत्खनन क्यों जरूरी है.. इसे लेकर राज्य शासन की विशेषज्ञ कमेटी को 4 सप्ताह में रिपोर्ट देने के निर्देश भी दिए गए हैं साथ ही केंद्रीय और राज्य पर्यावरण मंडल को भी जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है.. एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा की डिवीजन बेंच में यह सुनवाई चल रही है.. अरपा अर्पण महाअभियान समिति ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका प्रस्तुत किए इसमें कहा गया कि अरपा नदी से मापदंडों का पालन किए बिना अवैध रेत उत्खनन किया जा रहा है.. इस नदी को नुकसान पहुंच रहा है इकोसिस्टम चौपट होने से नदी सूख रही है वही जलकुंभी और गंदगी के कारण नदी का पानी प्रदूषित है.. मामले में कोर्ट ने पहले राज्य शासन खनिज विभाग बिलासपुर नगर निगम को नोटिस जारी किया था पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने बताया था कि अदालत द्वारा 23 फरवरी को जारी किए गए अंतरिम आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है.. इसी प्रकार नदी में कोई जगह पनप रही जलकुंभी को हटाने की दिशा में अभी भी काम बाकी है हाईकोर्ट ने नगर निगम सीमा क्षेत्र के अंतर्गत काम करने वाले माइनिंग ठेकेदार बबलू जोशी विजय कुमार को भी पक्षकार बनाने के निर्देश देते हुए दोनों से भी 2 सप्ताह में जवाब मांगा था.. अरपा से रेत की खुदाई में धारणीय रेत प्रबंधक 2016 गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है जहां कोई टेंडर नहीं दिया गया वहां भी खनन कराया जा रहा है..