काबुल. अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान का शासन हो गया है. रविवार को तालिबानी लड़ाकों (Taliban) ने राजधानी काबुल को भी कब्जे में ले लिया. राष्ट्रपति भवन पर तालिबान का झंडा लहराने के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने इस्तीफे की घोषणा कर दी और देश छोड़ दिया. उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह ने भी अपने कुछ करीबियों के साथ देश छोड़ दिया है. अफगानिस्तान में शरिया कानून लागू करने के ऐलान के बीच तालिबान ने भारत संग अच्छे रिश्ते की वकालत की है. तालिबानी प्रवक्ता जैबिहुल्ला मुजाहिद ने कहा है कि उन्हें भारत संग मजबूत रिश्ते चाहिए. ये भी कहा गया है कि भारत के राजनयिक अफगानिस्तान में एकदम सुरक्षित रहेंगे और किसी को डरने की जरूरत नहीं है.
इस बीच तालिबान ने अफगानिस्तान में सरकारी कर्मचारियों को तालिबान शासन के तहत 20 साल पहले की तरह लौटने की चेतावनी दी है. तालिबान की तरफ से कहा गया है कि एक नई शुरुआत करें, रिश्वत, घोटाला, अहंकार, भ्रष्टाचार, आलस्य और उदासीनता से सावधान रहें. कर्मचारियों से कहा गया है कि वो पहले जैसे हो जाएं जैसे वो 20 साल पहले तालिबान के शासन में थे.