नई दिल्ली ।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से 8वीं बार देश को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने सबका साथ, सबका विश्वास के साथ सबका प्रयास जोड़कर देश के लिए बड़ा लक्ष्य हासिल करने की बात कही। इस दौरान उन्होंने कोरोना,  वैक्सीनेशन, युवाओं की उपलब्धि, ओबीसी आरक्षण, बेटियों को सैनिक स्कूलों में शिक्षा जैसी अनेक बातों पर देश का ध्यान खींचा। भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस भाषण को ऐतिहासिक और लकीर से हटकर बताया तो वहीं,  विपक्ष ने इसे एक चुनावी राजनीतिक भाषण कहा है। 
किसानों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल भाषण देने में विश्वास रखते हैं, वे कभी सामने आकर समस्याओं का समाधान नहीं करते। भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लाल किले के संबोधन में देश के लिए अगले 25 वर्ष का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने 'सबके प्रयास' के जरिए आजादी के 100वीं सालगिरह तक ऐसा लक्ष्य हासिल करने की बात कही है जिस पर देश को गर्व हो, यह बड़ी बात है। भाजपा सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में बेटियों को आगे बढ़ाने, पर्यावरण को बचाने और ऊर्जा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की बात कहकर बताया है कि उनकी सोच केवल परंपरा के नाम पर भाषण देने की नहीं रहती, बल्कि वे एक लक्ष्य तय करना चाहते हैं, उसमें सबको भागीदार बनाकर लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं। वहीं, विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाल किले से भाषण को एक राजनीतिक भाषण बताया है। कांग्रेस नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के सात साल के शासन में देश की आर्थिक समस्याएं बेहद जटिल हुई हैं। बेरोजगारी का स्तर चरम पर है और हर युवा परेशान है। ऐसे में प्रधानमंत्री स्वयं बताएं कि देश को उनकी किस उपलब्धि पर गर्व करना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस समय देश की महिलाएं किसी दूर कोने में नहीं, देश की राजधानी में भी असुरक्षित हैंं, दिल्ली में ही नौ साल की बच्ची के साथ क्रूरतम घटना घटती है और प्रधानमंत्री चुप रहते हैं और एक ट्वीट तक नहीं करते हैं, ऐसे में उन्हें बताना चाहिए कि किसी बेटी को उनके भाषण पर गर्व क्यों होना चाहिए।