काबुल: अफगानिस्तान (Afghanistan) में इस वक्त हर तरफ मौत का खौफनाक खेल चल रहा है. तालिबान (Taliban) के आतंकियों ने अफगानिस्तान की राजधानी को चारों तरफ से घेरकर उसमें घुसना शुरू कर दिया. इस बीच तालिबान के प्रवक्ता ने कहा है कि वो बलपूर्वक काबुल पर कब्जा (Taliban Terrorists Entered Kabul) करना नहीं चाहते हैं.

तालिबान के आतंकियों का कहर जारी
बता दें कि तालिबान ने रविवार को पूर्वी शहर जलालाबाद (Jalalabad) पर भी कब्जा कर लिया. इसके अलावा कुनार प्रांत की राजधानी असदाबाद (Asadabad) शहर और पक्तिका प्रांत की राजधानी पर भी तालिबान के आतंकियों का कब्जा हो चुका है.

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल को तालिबान के चंगुल से दूर रखने के लिए अफगान सेना भी भरपूर कोशिश कर रही है. काबुल को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी अफगान स्पेशल फोर्स के प्रमुख जनरल समी सादत को दी गई है. जनरल समी सादत सिर्फ 36 साल के हैं और आतंकियों को धूल चटाने के लिए रणनीति बनाने में उन्हें महारत हासिल है.

हालांकि अफगान सेना कब तक तालिबान को काबुल से दूर रख सकती है इस पर भी अभी संशय है क्योंकि तालिबान ने अफगानिस्तान के जिन आधे से ज्यादा प्रांतों पर कब्जा किया है उनमें से ज्यादातर जगह पर अफगान सेना ने बिना लड़े ही तालिबान के सामने हथियार डाल दिए.
इससे पहले मजार-ए-शरीफ का बचाव कर रहे प्रमुख अफगान लड़ाकू मार्शल अब्दुल राशिद दोस्तम और अत्ता मुहम्मद नूर तालिबान के हाथों शहर हारने के बाद अपने लड़ाकों और बेटों के साथ उज्बेकिस्तान भाग गए.
20 से ज्यादा प्रांतों की राजधानियों पर तालिबान का कब्जा
शनिवार को तालिबान ने घोषणा की थी कि उसने उत्तरी क्षेत्र के मजार-ए-शरीफ और मैमाना, देश के पूर्वी हिस्से में गार्डेज और मेहतरलाम शहरों पर कब्जा कर लिया है. मई में लड़ाई तेज होने के बाद से तालिबान अब तक 20 से ज्यादा प्रांतों की राजधानियों पर कब्जा कर चुका है.

इस बीच अमेरिका ने बयान जारी करके कहा है कि काबुल में उनके दूतावास पर रखे हुए दस्तावेज नष्ट कर दिए जाएं. वो आतंकियों के हाथ नहीं लगने चाहिए.