
भोपाल । प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग सहित अन्य जिलों में बाढ़ से बड़ा नुकसान हुआ है। प्रारंभिक आकलन के मुताबिक करीब दस हजार करोड़ रुपए की क्षति पहुंची है। 36 हजार 291 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं तो करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसल प्रभावित हुई है। 36 जनहानि और 2058 पशुहानि की अब तक सूचना राहत आयुक्त कार्यालय को प्राप्त हुई है। पांच हजार से ज्यादा सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। सड़क, पुल-पुलिया आदि को दुरुस्त करने में करीब 207 करोड़ रुपये लगेंगे। नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्रीय अध्ययन दल अगले सप्ताह आएगा।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने केंद्र सरकार से नुकसान का आकलन करने के लिए केंद्रीय दल भेजने का अनुरोध किया गया था। यह अगले सप्ताह आएगा और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगा। उधर, राज्य सरकार ने भी क्षति का प्रारंभिक आकलन करके प्रतिवेदन तैयार किया है। बताया जा रहा है कि फसलों के साथ, सड़क, पुल-पुलिया, आवास, सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान को मिलाकर क्षति लगभग दस हजार करोड़ रुपए की आंकी गई है। केंद्रीय अध्ययन दल के प्रतिवेदन के आधार पर राहत आयुक्त कार्यालय केंद्र सरकार को प्रतिवेदन बनाकर भेजेगा।
सवा लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसल बर्बाद
राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फसलों को नुकसान की जो प्रारंभिक रिपोर्ट मिली है, उसके मुताबिक करीब सवा लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसल या तो पूरी तरह नष्ट हो गई है या फिर 75 फीसदी से अधिक नुकसान हो चुका है। सरकार राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रविधानों के तहत फसल, आवास, जनहानि और पशुहानि का मुआवजा देगी। आवास की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए अभी छह हजार रुपए देने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रविधानों के अनुसार आवास बनाने के लिए एक लाख बीस हजार रुपए दिए जाएंगे। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सबसे पहली प्राथमिकता आवागमन की व्यवस्थाएं बनाना है। इसके लिए कार्रवाई प्रारंभ हो चुकी है। सड़क, पुल और पुलिया को दुरस्त करके चलने लायक बनाया जा रहा है।
वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही
राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि वैकल्पिक आवास की व्यवस्था के लिए अंतरिम आर्थिक सहायता दी जा रही है। स्थायी प्रतीक्षा सूची में शामिल नागरिकों को केंद्र सरकार से वर्ष 2021-22 के लिए प्राप्त होने वाले आवास स्वीकृति की सूची में प्राथमिकता दी जाएगी। जिनके नाम इस सूची में नहीं आएंगे, उन्हें राजस्व पुस्तक परिपत्र के तहत प्राप्त होने लाभ और मनरेगा के माध्यम से एक लाख बीस हजार रुपए के आवास स्वीकृत किए जाएंगे। बाढ़ प्रभावित प्रत्येक परिवार को 50 किलोग्राम गेहूं या चावल उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए कार्रवाई भी प्रारंभ की जा चुकी है।