• मध्य प्रदेश में एक सप्ताह से जारी वर्षा के कुछ थमी, लेकिन अब भारी बारिश का पूर्वानुमान भी
  • राजस्थान में कई नदियां उफान पर, बिहार में गंगा, पुनपुन पटना व भागलपुर में खतरे के निशाना से ऊपर

 
नई दिल्ली। देशभर में मानसूनी बारिश और उसका जारी है। बिहार, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब समेत तमाम राज्यों में लगातार बारिश हो रही है, जिस वजह से यहां बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति और विकराल हो गई है, वैज्ञानिकों ने नदियों के जल स्तर में वृद्धि और पश्चिम बंगाल में निचले इलाकों में बाढ़ के प्रति सचेत किया है। उत्तर भारत में शुक्रवार को उमस भरा मौसम रहा। राजस्थान के कुछ हिस्सों में लगातार बारिश के बाद बांधों से 1.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। यूपी में कानपुर के आसपास और बुंदेलखंड के जिलों में बाढ़ भयावह हो गई है। भारी बारिश और बाद में बांधों से पानी छोड़े जाने से पूर्वी और पश्चिम बर्धमान, पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा, दक्षिण 24 परगना और बीरभूम जिलों के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए हैं। मध्य प्रदेश में एक सप्ताह से जारी वर्षा के कुछ थमने के बाद भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है। मप्र में अब तक 20 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। राजस्थान में कोटा संभाग में नदियां उफान पर हैं। बिहार में गंगा, पुनपुन नदी पटना और भागलपुर में खतरे के निशाना से उपर बह रही हैं। 
  मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में पिछले तीन दिनों तक कहर बरपाने वाली बाढ़ में कई जिंदगियां भी समा गई हैं। जैसे-जैसे बाढ़ का पानी उतर रहा है, बर्बादी का मंजर भी सामने आ रहा है। अब तक प्रशासन ने 20 लोगों की मौत की पुष्टि की है। इनमें शिवपुरी में 11, श्योपुर में छह और मुरैना में तीन लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा भिंड और दतिया में भी बाढ़ के कारण हुई मौतों की जानकारी जुटाई जा रही है। लगातार हो रही बारिश से विदिशा, गुना और अशोकनगर जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। गुना जिले में नदी-नालों की बाढ़ में 290 गांव घिर गए हैं। यहां सोडा गांव के 300 लोग बाढ़ से चारों ओर से घिरे हुए हैं। उधर, राजस्थान में कोटा संभाग में बारिश के कारण कालीसिंध,आहू, परवन,कालीखाड़ और छापी नदियां उफान पर हैं। उफनते नदी-नालों के कारण झालावाड़ को मध्य प्रदेश से जोड़ने वाले कई मार्ग बंद हो गए हैं। बारिश से हुए कटाव के कारण बारां-झालावाड़ मेगा हाईवे बंद हो गया है। राज्य सरकार राहत व बचाव के लिए हरसंभव मदद का प्रयास कर रही है। पहाड़ों पर हो रही बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण कानपुर के आसपास और बुंदेलखंड के जिलों में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। बाढ़ के कारण बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। राहत और बचाव के काम नाकाफी साबित हो रहे हैं। जालौन के रामपुरा में सिंध नदी उफनाने के बाद शुक्रवार को सेना ने बचाव कार्य शुरू किया। सेना ने कई गांवों में फंसे लोगों को निकाला। जिले में सिंध, पहुज व यमुना नदियों के उफान मारने से घर, मकान व मवेशी सभी कुछ डूब चुके हैं। ग्रामीण जान बचाकर पलायन को मजबूर हैं। औरैया में यमुना नदी में बाढ़ से सदर और अजीतमल तहसील के 22 गांव जलमग्न हो गए। प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डा। महेंद्र सिंह ने औरैया, इटावा समेत बाढ़ प्रभावित कई जिलों का हवाई दौरा कर जायजा लिया। भारी बारिश के कारण प्रयागराज में नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। लोगों के घरों में पानी घुस गया है। एक स्थानीय का कहना है कि निवासी, जिनमें से अधिकांश छात्र हैं, गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं। अधिकांश छात्र अपने घरों को लौटने की योजना बना रहे हैं। बिहार के पटना सहित कई जिलों में बाढ़ की स्थिति विकट बनी हुई है। इस बीच, गंगा, पुनपुन नदी पटना और भागलपुर में खतरे के निशाना से उपर बह रही हैं। इधर, पटना के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। प्रशासन द्वारा राहत कार्य चलाया जा रहा है।