भोपाल । बारिश के दिनों में ट्रेन ब्रिजों पर जलभराव और इससे ट्रेनों के प्रभावित होने की खबरें आती रहती हैं। अब रेलवे तकनीक की मदद से पहले ही ट्रेनों को डायवर्ट या फिर डेंजर पॉइंट से पहले ही रोकने में सफल रहेगी। पश्चिम मध्य रेलवे (पमरे) ने तीनों मंडलों के 18 पुलों पर ऑटोमेटिक वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया है। सोलर से संचालित इस सिस्टम की मदद से रोज सुबह आठ बजे नदी के जलस्तर का पता चलता रहता है।
पमरे द्वारा संचालित यह तकनीकी प्रणाली माइक्रो प्रोसेसर और जीपीएस पर आधारित है। सेंसर की मदद से यह नदी के जलस्तर को ऑटोमेटिक मॉनिटर करता रहता है। नदी के जलस्तर को मापने के लिए पुलों पर पेंट फ्लड गेज मार्क बना रहता है। ये सेंसर व जीपीएस आधारित उपकरण नदी का जलस्तर डेंजर लेवल को छूने से एक-दो मीटर पहले ही बार-बार अलर्ट का संदेश भेजने लगता है। यह उपकरण रोज सुबह आठ बजे पुलों पर पानी के स्तर का अलर्ट संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को भेजता है।
रेल पुलों पर जलभराव की सूचना पहले ही दे देगी
सीपीआरओ राहुल जयपुरिया के मुताबिक यह सेंसर व जीपीएस आधारित उपकरण रेल पुलों पर जलभराव की सूचना पहले ही दे देगी। ऐसे में हादसा होने की गुंजाइश ही नहीं रहेगी। तेज बारिश में भी ट्रेन का सफर सुरक्षित रहेगा। जबलपुर रेल मंडल की ओर से पांच रेल पुलों हिरण, कोपरा, बेरमी, नर्मदा, महानदी पर ऑटोमेटिक वॉटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया गया है। वहीं, भोपाल मंडल के 7 ब्रिजों माचक, ददूरा, नर्मदा, बेतवा, बीना नदी, काली सिंध, झकला और कोटा मंडल के 6 रेल पुलों सिपरा, छोटी कालीसिंध, परबति, बानस, गंभीर पर ये सिस्टम लगाया गया है।
सिस्टम का ये होगा फायदा
ऑटोमेटिक मॉनिटङ्क्षरग सिस्टम लगाने से मानसून के समय ट्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। प्रतिदिन वॉटर लेवल की मॉनिटरिंग की जा सकती है। जलस्तर डेंजर लेवल पर पहुंचने से पहले अलर्ट का संदेश आने लगता है। 24 घंटे सातों दिन का डेटा उपलब्ध मिलेगा। रेलवे मुख्यालय और मण्डल मुख्यालयों से भी मॉनिटरिंग की जा सकती है।
कटनी-सिंगरौली रूट पर ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित
रेलवे ने ट्रेनों खासकर मालगाडिय़ों के संचालन के बीच पहिए आदि में आनी वाली तकनीकी खामियों को पकडऩे के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया है। जबलपुर रेल मंडल ने कटनी-सिंगरौली रूट पर पिपरियाकला व खन्नाबंजारी स्टेशनों के बीच में स्थापित किया है। यहां लगे ऑनलाइन मॉनिटरिंग रॉलिंग स्टॉक सिस्टम बियरिंग में दोष के कारण आवाज में बदलाव और खामी को तुरंत पकड़ लेता है। अक्सर ये खबरें आती रहती हैं, ट्रेन के पहिए से चिंगारी निकल रही थी। इस तरह के हॉट एक्सल की खामी तुरंत ये सिस्टम पकड़ लेगा।
सिस्टम करेगा वैगन की पूरी जानकारी रिकॉर्ड
यह सिस्टम पुल से गुजरने वाली हर ट्रेन की पूरी जानकारी रिकॉर्डिंग करेगा। यानी ट्रेन के गुजरने की तारीख व समय, वैगन की संख्या, गाडी की गति, संचालन की दिशा, ट्रेन के इंजन और वैगन की फोटो, ट्रेन के इंजन व वैगन के नम्बर आदि का पूरा रिकार्ड इस सिस्टम में रहेगा।
इस तरह काम करता है ये सिस्टम
मालगाडिय़ों के बियरिंग और चक्कों की खराबी को ये सिस्टम पकड़ कर इसकी सूचना अलार्म व एसएमएस के माध्यम से कंट्रोल आफिस को दे देता है। इससे कैरेज एंड वैगन स्टाफ द्वारा अगले स्टेशन में उक्त खराबी दूर कर सकते हैं। इस प्रणाली के लगने से कम समय में वैगन के रख-रखाव में मदद मिलेगी। इस प्रणाली के लगने से मालगाडिय़ों की रफ्तार भी 75 किमी प्रति घंटा तक बढ़ाने में मदद मिली है।