रायपुर, दुर्ग रेंज के IG रहे और ACB के पूर्व चीफ जीपी सिंह के सरकारी बंगले सहित 15 ठिकानों पर बेहिसाब अवैध संपत्ति, बड़े लेन-देन और शेल कंपनियों में निवेश करके मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं। ACB (एंटी करप्शन ब्यूरो) की टीम उनके यहां 32 घंटों से कार्रवाई कर रही है। टीम ने गुरुवार सुबह 6 बजे रेड डाली थी। इसके बाद अफसर रातभर उनके घर डटे रहे। ACB को ओडिशा में बेहिसाब बेनामी संपत्ति के सबूत मिले हैं। गुरुवार देर रात तक जांच के बाद जीपी सिंह पर भ्रष्टाचार के मामले में FIR दर्ज कर ली गई है। कार्रवाई शुक्रवार को भी जारी है।


सूत्रों के मुताबिक अफसर जीपी सिंह इस कार्रवाई से हक्का-बक्का रह गए। ACB की टीम लगातार जीपी सिंह और इनसे जुड़े कुछ कारोबारियों पर पिछले कई महीनों से खुफिया नजर रखे हुई थी। टीम अब भी उनके सरकारी बंगले में छानबीन कर रही है। उनसे पूछताछ की जा रही है, घर से मिली तमाम फाइलों और कम्प्यूटर-लैपटॉप को बारीकी से खंगाला जा रहा है। यह जानकारी जांच दल की तरफ से आधिकारिक रूप से दी गई है।


ACB-EOW की टीमों ने एक साथ मारा छापा

सिंह के यहां रेड एकाएक नहीं डाली गई। ACB की टीम ने इसके लिए लंबे समय तक तैयारी की थी। ACB को सिंह के खिलाफ कई लोगों ने खुफिया इनपुट दिया है। शिकायत करने वालों में ऐसे लोग भी शामिल हैं, जो सिंह के डर से अपनी प्रॉपर्टी उनके नाम का चुके हैं। गुरुवार को ACB-EOW की टीमों ने एक साथ रायपुर, राजनांदगांव, ओडिशा में एक साथ छापा मारा। जांच अफसरों ने बताया कि सिंह की रायपुर, भिलाई, राजनांदगांव और ओडिशा में भी कोरोड़ों की प्रॉपर्टी की पुष्टि हुई है। माना जा रहा है शुक्रवार शाम या शनिवार की सुबह छापे की कार्रवाई पूरी होने के बाद इस पूरे मामले और भी खुलासे होंगे।


ACB को मिले अपने ही चीफ के खिलाफ सबूत

ADG रैंक के जीपी सिंह ACB के प्रमुख रह चुके हैं। इस वक्त उनके पास पुलिस एकेडमी का जिम्मा है। जांच दल के अफसरों ने बताया कि सिंह के खिलाफ ADG चीफ रहने के दौरान अवैध वसूली, ब्लैकमेल और करोड़ों की प्रॉपर्टी होने की शिकायतें मिल रही थीं। ये खुफिया जानकारी किसी और ने नहीं बल्कि उन लोगों ने दी जो ब्लैकमेलिंग के डर से जमीन और करोड़ों रुपए सिंह के नाम कर चुके हैं। शिकायत करने वालों में प्रदेश के बड़े कारोबारी और अफसर शामिल हो सकते हैं।


कारोबारी रखते थे दो नंबर की कमाई का हिसाब

एक चर्चा ये भी है कि राजनांदगांव, रायपुर और ओडिशा के कुछ कारोबारी जीपी सिंह के बेहद करीबी हैं। दो नंबर की कमाई का इन्वेस्टमेंट और हिसाब इन्हीं में से कुछ कारोबारी रखते थे। खुद आगे आकर जीपी सिंह इसमें इंवॉल्व नहीं होते थे। आयकर विभाग ने पिछले साल रायपुर के वीआईपी रोड पर प्रीतपाल सिंह के फार्म हाउस और एक बिल्डर के कुछ ठिकानों पर सर्वे किया था। सूत्रों के अनुसार उसी जांच में जीपी सिंह के नाम से निवेश के कुछ कागजात मिले थे, लेकिन यह जांच आगे नहीं बढ़ी। एसीबी अफसरों को इसकी जानकारी थी। इस इनपुट से ACB का शक और पक्का हुआ। जीपी सिंह के साथ गुरुवार को प्रीतपाल के यहां भी टीम ने छापा मारा था।


खदानों में भी लगा रखा है पैसा

खबर ये भी है कि ओडिशा के खदानों में भी जीपी सिंह का पैसा लगाया है। यह रकम रायपुर के व्यापारियों के जरिए इन्वेस्ट की गई है। ACB को ओडिशा में बेहिसाब बेनामी संपत्ति के सबूत मिले हैं।
 

सियासी समीकरण भी मजबूत हैं

IPS जीपी सिंह हमेशा से सत्ता के करीबी माने जाते रहे हैं। फिर चाहे भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की। भाजपा शासनकाल में जहां वे कई जिलों के SP, IG रेंज रहे और कई बार पुलिस भर्ती प्रमुख भी बनाया गया। कांग्रेस सरकार में भी उनका जलवा कायम रहा।